Kabj ka ilaj: अगर सुबह सुबह पेट साफ़ नहीं होता है तो समझो सारा दिन पेट में गड़बड़ रहती है पेट भारी-भारी सा रहता है और गैस , एसिडिटी, कलेजे में जलन ,आदि होना लाजमी सी बात हो जाती है।
कब्ज जिसे ‘बीमारियों की माँ’ भी कहा जाता है, न जाने कितनी ही बीमारियों को जन्म देती है हमारे शरीर में यूं समझ लो जितनी भी बिमारी है तक़रीबन पाचन क्रिया के सही न होने से ही होती है।
कब्ज जो खुद एक बहुत बुरी बिमारी है इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते है तो आपको सबसे पहले कब्ज को जड़ से ख़त्म करना होगा।
इसे छोटा/कम समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि वजह की खोज करके और कारण का इलाज करके इसे जल्द ही खत्म करना चाहिए।
तो आइए जानते हैं 20 saal Purane kabj ka ilaj और पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय।
Table of Contents
कब्ज क्या है और इसके प्रकार(What is Constipation in Hindi?)
कब्ज के तीन सामान्य प्रकार हैं।
(1) आंतों में सूखापन के कारण (2) भोजन में लापरवाही के कारण, (3) आंतरिक या बाहरी बवासीर के कारण।
Constipation meaning in hindi: Constipation मतलब कब्ज, जिसे ‘बीमारियों की जननी’ के रूप में भी जाना जाता है, इसमे आज हर 4 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करती है। यदि मल त्याग हमेशा की तरह normally न आए, थोड़ी थोड़ी हो या दूसरे या तीसरे दिन आए तो इसे कब्ज कहा जाता है।
नियमित मल त्याग न करने से शरीर में भारीपन आता है और भूख भी कम लगती है क्योंकि जब आंतों में जगह नहीं होती है तो नए भोजन का प्रवेश संभव नहीं होता है।
जब खाना खाने का मन नहीं करता है, भोजन शरीर मे नहीं जाता है तो ताकत मे कमी आ जाती और ऊर्जा खो जाती है।
पेट में कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi)
पेट साफ न होने के लक्षण तो बहुत हैं लेकिन यहाँ नीचे कुछ मुख्य कब्ज के लक्षण बताए हैं।
कब्ज के लक्षणों में शामिल हैं:
- पाखाने करने में ज़ोर लगना,
- असामान्य रूप से विलंबित मल त्याग,
- अत्यधिक गैस बनना और हवा छूटना,
- कभी-कभी पेट में दर्द या सूजन,
- गंभीर कब्ज के कारण रक्तस्राव,
- चिड़चिड़ापन,
- सिरदर्द का होना,
- सख्त मल होना,
- मल पर बहुत अधिक तनाव या दबाव डालना पड़े और मल नहीं होने पाए, और यह महसूस करना कि आंतें खाली नहीं हुई है।
नियमित होने का मतलब है कि आप शौचालय जाते हैं, मल तुरंत बाहर आने लगता है, और आपको ऐसा लगता है कि आपकी आंतें पूरी तरह से खाली हैं, कोई 3 बार भी जाता है, कोई सप्ताह में 3 बार शौचालय जाता है लेकिन उसे ये महसूस होता है की उसकी आंतें खाली हैं और खाना ठीक से खाया जा रहा है, तो कब्ज नहीं है। (1)
कब्ज के कारण (Constipation Symptoms in Hindi)
- रेशेदार भोजन की कमी
- कम पानी का सेवन,
- पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं
- असमय भोजन करना
- असमय सोना, जागना,
- लंबे समय तक पचने वाले भोजन का अधिक सेवन
- व्यायाम की कमी।
- नाभि का ऊपर की तरफ खिसक जाना।
- बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में रहना।
- टॉइलेट जाने की जरूरत महसूस होने पर भी तमाम वजहों से उसे टालते रहना।
- अधिक सेक्स करने की वजह से नाभि अपनी जगह से खिसक जाती है, इसकी वजह से शरीर कमजोर होने से तमाम विकार उत्पन्न हो जाते हैं। इस वजह से कब्ज भी हो जाता है।
- कोल्ड ड्रिंक या शराब जरूरत से ज्यादा पीने की वजह से।
- उम्र 65 या उससे अधिक। वृद्ध वयस्क कम शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, अंतर्निहित बीमारियां होती हैं, और गरीब आहार खाते हैं।
- बिस्तर तक सीमित। जिन लोगों की कुछ चिकित्सा स्थितियां हैं, जैसे कि रीढ़ की हड्डी की चोटें, अक्सर मल त्याग के साथ कठिनाई होती है।
- एक महिला या बच्चा। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कब्ज के अधिक बार एपिसोड होते हैं, और बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक बार प्रभावित होते हैं।
- गर्भवती। आपके बढ़ते बच्चे से आपकी आंतों पर हार्मोनल परिवर्तन और दबाव से आपको कब्ज हो सकता है।
गैस और कब्ज का इलाज (Constipation Treatment in Hindi)
जैतून का तेल से करे Kabj ka ilaj
शुद्ध जैतून का तेल कब्ज को दूर करने में भी सहायक होता है, इसके प्रयोग से पाचन तंत्र active होता है जिसके परिणामस्वरूप आंतों की सफाई होती है और इसके नियमित प्रयोग से कब्ज नहीं होता है।
आपको बस इतना करना है कि सुबह एक चम्मच जैतून तेल का उपयोग करें क्योंकि यह खाली पेट सबसे अच्छा काम करता है।
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खाने वाला सोडा से कब्ज में फायदे (Benefits of Baking Soda for Constipation in Hindi)
बेकिंग सोडा बेहद उपयोगी होता है और कब्ज के लिए भी अच्छा होता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको एक चम्मच बेकिंग सोडा और एक चौथाई कप गर्म पानी की आवश्यकता होगी।
सोडा को पानी में मिलाकर इस मिश्रण को पी लें। उम्मीद है, कि कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी।
पानी से kabj ka ilaj
दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीना न केवल सामान्य स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि यह एआंतों को भी बेहतर बनाने वाली आदत भी है जो मल त्याग में सुधार करती है ताकि कब्ज का खतरा न हो।
और पढ़ें: गर्म पानी पीने के 25 चमत्कारी फायदे
दही से Kabj ka ilaj
पेट साफ ना होने की समस्या से निजात पाने के लिए दही का प्रयोग कर सकते हैं दही में प्रोबायोटिक्स पाया जाता है जो हमारी आंतो को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
इसके लिए आप नियमित रूप से खाने के साथ दही का सेवन करें इससे आपको इस समस्या से जल्द ही राहत मिलेगी।
कच्ची सब्जियों का जूस है कब्ज की आयुर्वेदिक दवा
Raw Vegetables का जूस हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के साथ-साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कच्ची सब्जियों में फाइबर विटामिन सी विटामिन के और फोलेट काफी मात्रा में पाया जाता है इसके लिए आपको गाजर, चुकंदर, करेला. ब्रोकली, पालक को साफ पानी से धोकर छोटा-छोटा काट लें और फिर ग्राइंडर में पानी डालें और इन सब्जियों को डालकर पीस लें
इस जूस का रोजाना सेवन करने से आपको पेट साफ ना होने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
कब्ज की बीमारी में पपीता से लाभ (Papaya: Home Remedies for Constipation Disease in Hindi)
इसमें “पपैन” नामक एंजाइम होता है जो कब्ज को दूर करता है और गैस की शिकायत को कम करता है।
यह पेट में मौजूद परजीवी कीड़ों को खत्म करता है जिससे गैस और कब्ज से राहत मिलती है।
नींबू पानी से कब्ज का घरेलू इलाज (Lemon water: Home Remedy for Constipation Treatment in Hindi)
नींबू पानी में साइट्रिक एसिड पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
रोज सुबह चाय में नींबू शामिल कर या एक गिलास नींबू पानी का प्रयोग करें, जिससे पाचन तंत्र बेहतर होगा।
शहद के सेवन से Kabj ka ilaj
पेट साफ करने के लिए आप शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं शहद में एंटी बैक्टीरियल एंटी इन्फ्लेमेटरी एवं एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं।
जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ आंत संबंधी बीमारियों को भी दूर करने का काम करते हैं।
रोजाना हल्के गर्म पानी में सुबह खाली पेट शहद डालकर पीएं इससे आपको कुछ दिनों में फायदा नजर आएगा। (2)
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कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि
सौंफ करे कब्ज को जड़ से इलाज
पेट के रोगों के लिए यदि प्राकृतिक पदार्थ का उल्लेख किया गया हो तो उसमें सौंफ सबसे अधिक उपयोगी होती है।
इसके सेवन से आंतों को राहत मिलती है, पेट से गैस बाहर निकल जाती है और कब्ज दूर हो जाती है।
एक गिलास पानी में 1 चम्मच सौंफ को उबाल लें, जब पानी आधा बचेगा तो इसे पी लें। नियमित उपयोग से आपको स्पष्ट अंतर दिखाई देगा।
जीरा से Kabj ka ilaj (Home Remedies to Treat Constipation in Hindi)
खाने और रायता में इस्तेमाल किया जाने वाला जीरा आपके कब्ज के लिए भी बहुत उपयोगी होता है इससे पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है और कब्ज दूर हो जाती है।
अगर इसे भी उबाल कर कॉफी की तरह पिया जाए तो बहुत सुकून मिलता है।
किशमिश खाएं कब्ज दूर भगाएं
फाइबर से भरपूर होने के अलावा, किशमिश में टार्टरिक एसिड भी होता है, जिसका हल्का रेचक प्रभाव होता है।
एक अध्ययन के अनुसार जो लोग रोजाना आधा औंस(14 ग्राम) किशमिश का सेवन करते हैं उनका पाचन तंत्र दुगनी तेजी से काम करता है।
चेरी और खुबानी भी फाइबर से भरपूर होते हैं और कब्ज का दृढ़ता से इलाज करते हैं।
अलसी है कब्ज की आयुर्वेदिक दवा (flax seeds benefits in hindi for constipation)
अलसी के बीज को पीसकर रात को सोने से पहले 1 चम्मच की मात्रा में लीजिए। आपको इसे पानी के साथ लेना है।
ये भी पढ़ें: अलसी कई बीमारियों का गजब इलाज करे और सेहत दे
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पुदीना/अदरक की चाय है कब्ज तोड़ने की दवा
विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल शिकायतों के लिए पुदीना और अदरक दोनों को घरेलू उपचार में आजमाया और परखा गया है।
पुदीने में मेन्थॉल एसोफेजेल जो की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है, जबकि अदरक एक गर्म जड़ी बूटी है जो शरीर के तापमान को बढ़ाती है और भोजन को तेजी से पचाने में मदद करती है।
कब्ज से बचने के उपाय और परहेज (Prevention of Constipation in Hindi)
Pet saaf karne ka tarika: निम्नलिखित तरीकों से कब्ज से बचा जा सकता है:
1. सुबह उठकर खाली पेट कम से 3 गिलास पानी अवश्य पियें।
2. दो आहारों के बीच में मौसमी फल अवश्य लें.
3. भोजन धीरे-धीरे चबा-चबा के खाएं।
4. भोजन के दौरान बातचीत न करें।
5. परमात्मा की याद में रहकर भोजन करें।
6. भोजन के बाद आवश्यकता हो तो शोधित हरड़ या अनारदाने की गोली खा सकते हैं
7. भोजन के बाद 5 मिनट के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएँ।
8. बार-बार कब्ज की दवा लेने के बजाय फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करें
9. अधिक पानी पिएं
10. आहार में देसी लाल आटे का प्रयोग करें। मैदा और बेकरी फूड से परहेज करें।
11. रोटी और बाजार की रोटी की जगह घर की बनी रोटी खाएं।
12. चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स की जगह काढ़ा या कहवा को प्राथमिकता दें
- यदि मांसपेशियों में कमजोरी हो तो यह कब्ज का कारण भी बनता है। कभी-कभी जब आपको कोई पसंदीदा भोजन मिलता है तो अधिक खाने से अपच और कब्ज जैसी शिकायत हो सकती है। अगर समय पर इलाज नहीं कराया गया तो यह बीमारी और भी गंभीर हो सकती है।
- कुछ लोग रात में खाना नहीं खाते हैं और सुबह तक भूखे रहते हैं। अगर इतने लंबे समय तक शरीर में कुछ भी नहीं जाता है, तो खून में मिठास की मात्रा कम हो जाती है और फिर भोजन को आगे बढ़ाने वाली घटक न होने की वजह से कब्ज की बीमारी पैदा होती है।
- बहुत से लोग फास्ट फूड और तली हुई चटपटी चीजें खाना पसंद करते हैं जिससे कब्ज की समस्या हो जाती है।
- भोजन खाने के बाद लगातार बैठे रहने से भी कब्ज और बवासीर हो जाती है। कब्ज के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण चीज आहार है। कब्ज के पुराने रोगियों को समय पर भोजन करना चाहिए। उन्हें जितना हो सके अपने आहार में सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। और खाली पेट या बासी मुंह कम से कम 4 गिलास पानी पिएं।
- आटा को बिना छाने ही इस्तेमाल करें। अगर चक्की का आटा खाएं तो बेहतरीन है। बगैर छना आटा कब्ज और मधुमेह के रोगियों के लिए उम्दा है। इसमें फाइबर के अलावा Vitamin B होता है जो मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर को ताकत देता है।
सुबह उठते ही पेट साफ होने के उपाय
- कब्ज के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार शौच का समय निर्धारित करना है। सुबह उठना और एक निश्चित समय पर कुछ खाकर शौचालय जाने से उस time की आदत बन जाती है।
- फिर धीरे-धीरे उस वक्त ही शौच आती है। अगर पॉटी न आए तब भी जाएं, तो आदत बन जाएगी, लेकिन कुछ खाकर जाएं, खाली पेट न जाएं।
- रात का खाना जरूर खाएं। रात को खाने और सोने के बीच लगभग 3 घंटे का अंतराल होना चाहिए।
- आपको इस Gap के बीच बैठना नहीं चाहिए। कम से कम 500 से 600 कदम चलना चाहिए, जिससे आंतों में ऊर्जा पैदा होती है। नतीजतन, अगले दिन आपको शौच जरूर आ जाती है। खाली पेट शहद का प्रयोग करें और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
कब्ज की होम्योपैथिक दवा:
(1) नक्स वोमिका 30, 200(Nux vomica):- शौच का बार-बारलगना लेकिन मल त्याग खुलकर नहीं आना।
(2) सल्फर (sulpher):- गुदा में जलन और बुखार जैसा महसूस होना। कब्ज का इलाज शुरू करने से पहले इसकी एक खुराक अवश्य लें।
(3) ओपियम (Opium):- हफ्ते हफ्ते भर पाखाने की कोई इच्छा नहीं होना और न ही पेट में दर्द का होना। आंतों की तरह, मानव मस्तिष्क भी सोया हुआ होता है, रोगी को हर समय नींद आती है।
(4) ब्रायोनिया अल्बा (Bryonia Alba):- इस दवा में सूखापन गजब की होती है। मुंह से गुदा तक का सारा रास्ता सूखा रहता है, इसलिए मल सूखने के कारण नहीं आता और जो आता है वह सूखा और सख्त होता है और उसका रंग ऐसा होता है मानो वह जला हुआ हो। चिड़चिड़ापन और अत्यधिक प्यास लगना आम लक्षण हैं।
(5) एल्यूमिना(Alumina):- पाखाने की नली का संकरा और टेढ़ा होना। शुष्क नरम मल भी बहुत अधिक बल लगाने के कारण होता है और यदि मल कठोर और सूखा हो तो और ज़ोर लगाना पड़ता है। बच्चों में कब्ज की एक विशेष दवा है।
(6) ग्रेफाइट्स(Graphites):- मल के टुकड़े एक दूसरे से बल्गमी झिल्लियों से जुड़े होते हैं। शौच के दौरान और बाद में तेज दर्द होता है। मोटे मरीज के लिए यह आमतौर पर सबसे अच्छी दवा है।
(7) प्लेटिन 6, 30(Platina):- यात्रियों और प्रवासियों के लिए कब्ज की दवा, ऐसा महसूस होता है की मल गुदा में चिपकी हुई महसूस होती है।
(8) सिलिसिया (Silicia):- जब रोगी बड़ी ताकत से मल को बाहर निकालता है, लेकिन थोड़ा नरम मल आने के बाद रोगी सांस लेने के लिए रुकता है, तो फिर मल वापस चला जाता है।
(9) लाइकोपोडियम 30(Lycopodium):- मुँह में पानी भर आना, पाखाने लगते हुए भी पाखाना न होना, बड़े मुश्किल से सूखा तथा कड़ा मल थोड़ी मात्रा में निकलना, पेट में आवाज होना, पेट का फूल जाना और पेट में गर्मी जैसा लगना आदि लक्षणों में लाभकारी है ।
(10) स्किलिका मेरीना 3, 30, 2x वि०, 3x वि०(Scillica):- ऐसी कब्ज जो किसी भी दवा से ठीक नहीं होती हो और लंबे वक्त से हो।
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