विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विभिन्न विटामिन्स, मिनरल्स, protiens, कार्बोहाइड्रेट्स और fiber इत्यादि की आवश्यकता होती है।
शरीर के लिए ज्यादातर आवश्यक तत्वों का प्रोषण आहार पदार्थों से हो जाता है। एक विटामिन ऐसा है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रुरी है। इस विटामिन का नाम हैं- विटामिन बी 12…
Table of Contents
Vitamin B12 in Hindi
विटामिन बी 12 को सायनोकोबालामिन भी कहा जाता है। यह इकलौता ऐसा विटामिन है जिसमें कोबाल्ट घातु पाया जाता है। यह शरीर की स्वस्थ और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद ज़रूरी विटामिन है।
सायनोकोबालामिन को शरीर में निर्मित नहीं किया जा सकता है। इसका सबसे आसान स्त्रोत डेयरी के उत्पाद होते हैं। साथ ही आंतों में विद्यमान जीवाणु इसे बनाने का काम भी करते हैं। यह ऐसा विटमिन है, जिसका अवशोषण हमारी आंतों में होता है।
वहाँ लैक्टो-बैसिलस मौजूद होते हैं, जो बी-12 के अवशोषण में helpful होते हैं। फिर यह liver में जाकर स्टोर होता है। उसके बाद body के जिन हिस्सों को इसकी जरूरत होती है, लिवर इसे वहाँ भेजने का काम करता जाता है।
विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण
- अनावश्यक थकान और कमजोरी होना
- रक्त की कमी
- कमजोर पाचन शक्ति
- सिरदर्द
- आँख का खराब होना
- अनियमित रूप से वज़न घटना
- हाथ-पैर में झुनझुनी होना या बधिरता
- कान में सीटी जैसी आवाज आना / घंटी बजना
- त्वचा में पीलापन
- दिल की धड़कन तेज़ होना
- सांस का चढ़ना
- मुंह में छाले आना
- याददाश्त कम होना
- व्यवहार में अस्थिरता, चिड़चिड़ापन, भ्रम ,Depression
- अगर विटामिन बी 12 की बहुत ज्यादा कमी हो जाए तो इससे स्पाइनल कॉर्ड के नर्व्स नष्ट होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पैरालिसिस तक हो सकता है।
- विटामिन बी 12 शरीर के हर हिस्से के नर्व्स को प्रोटीन देने का काम करता है। इसलिए इसकी कमी से पुरुषों में इंफर्टिलिटी
या सैक्सुअल डिस्फंक्शन की समस्या भी हो सकती है।
विटामिन बी 12 की कमी के कारण
- आनुवांशिकता
- आंतों की कोई भी सर्जरी
- क्रॉज्स नामक आंतों की बीमारी जिसकी वजह से आंतें विटमिन बी-2 का अवशोषण नहीं कर पाती।
- अगर व्यक्ति को लंबे समय तक एनीमिया की समस्या रही हो तो उसमें भी विटामिन बी-12 की कमी पाई जा सकती है। इसकी कमी से होने वाली समस्या को मेगालोब्लास्टिक एनीमिया कहा जाता है।
- अगर डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन का लंबे समय तक सेवन किया जाए तो भी आंतों में मौजूद विटामिन बी-।2 नष्ट हो जाता है।
- जिन लोगों की पाचन शक्ति कमज़ोर है या जो पेट के रोग से पीड़ित हैं।
- जिन व्यक्तियों को पेट में व्रण(छाला) है। (1)
विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग
Vitamin B12 की अगर शरीर में कमी हो जाए तो स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है, आप अचानक थकान महसूस कर सकते हैं, डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए हम हमेशा संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाने की कोशिश करते हैं, परन्तु फिर भी कई बार हमारे खानपान में कोई न कोई ऐसी कमी रह ही जाती है, जिससे सेहत सम्बंधी कई समस्याएँ हमें परेशान करने लगती हैं।
शरीर को सुचारु रूप से चलाने में विटामिन्स और माइक्रोन्यूट्रीएंट्स बहुत ज़रूरी होते हैं, पर विटामिन बी-12 एक ऐसा तत्व है, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सही से करने में मदद करता है।
इसकी कमी सेहत के लिए निश्चित रूप से बड़े स्तर पर नुकसानदेह साबित हो सकती है।
विटामिन बी 12 का महत्त्व/विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग
ये विटामिन बी 12 शरीर में निम्नलिखित कार्यों के लिए जरुरी होता हैं:
- विटामिन बी12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण हेतु जरुरी होता है।
- इसकी कमी के कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है।
- Vitamin b 12 शरीर में तंत्रिका प्रणाली को healthy बनाए रखता हैं। इसकी कमी के कारण मस्तिष्क आघात भी हो सकता है।
- इस विटामिन की कमी के कारण शरीर में फॉलिक एसिड absorb नहीं हो पाता है।
- विटामिन बी 12 की वजह से हृदय रोग का खतरा कम रहता है।
- इसकी वजह से कर्करोग(Cancer) और अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा कम रहता है।
- विटामिन बी12 शरीर में उर्जा का संचार करता है और बुढ़ापे को दूर रखता है।
- ये शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाता है और साथ ही तनाव से निपटने में मदद भी करता है। विटामिन बी 12 को इसीलिए “तनाव विरोधी विटामिन” भी कहा जाता है।
- विटमिन बी-12 हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन (DNA) को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है।
- यह ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होता है।
- यह शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का भी काम करता है।
विटामिन B12 के घरेलू उपाय (What is the treatment for high vitamin B12)
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए सीरम विटमिन बी-12 की जांच करवानी चाहिए। अक्सर लोग इसके लक्षणों को मामूली थकान या एनीमिया समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। पर ऐसा करना उचित नहीं है क्योंकि आगे चलकर यह समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है।
शाकाहारी लोगों को अपने खानपान के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और उन्हें मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए। आम तौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इसकी मात्रा 400-500 पिकोग्राम मिली. लीटर होनी चाहिए।
यदि विटामिन बी 2 की सही मात्रा में सेवन की आवश्यकता है तो हमें ऐसे आहार का चयन करना चाहिए जिससे इसकी आसानी से पूर्ति हो सके।
आधुनिक विज्ञान की गर्भनिरोधक गोलियां, सल्फासेलेजिन, टाईमिथोप्रिन जैसी दवाएं विटामिन बी 12 की मात्रा पर दुष्प्रभाव डालती हैं।
विटामिन बी12 के लिए महत्वपूर्ण डाइट की सूची -Vitamin B12 foods List in Hindi
विटामिन बी खाद्य पदार्थ: विटामिन बी12 मछली, मीट, चिकन, अंडे, दूध और dairy products सहित पशु उत्पादों में पाया जाता है. विटामिन बी12 पशु-आधारित फूड्स में प्रचुरता से पाया जाता है।
शाकाहारियों के लिए विटामिन बी 12 के मुख्य स्रोत दूध और दूध से बननेवाले दही और पनीर हैं।
यह खाद्य पदार्थ पेड़-पौधे में नहीं पाया जाता है. इसलिए शाकाहारियों को विटामिन बी12 की कमी होने की सम्भावना अधिक होती है।
आधुनिक भोजन और आधुनिक दवाओं से विटामिनों के शोषण और संश्लेषण पर पर्याप्त दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए इनका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए।
ताज़ा भोजन, हल्का भोजन, सादा भोजन और सही समय पर भोजन करें। छिलकों वाले पदार्थों का सेवन करें, हलका व्यायाम करें।
वैसे भी विटामिन की काफी कम मात्रा रोज़ के जीवन में आवश्यक होती है और इसे आसानी से थोड़ी-सी समझदारी रखकर प्राप्त किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें: दूध किसे नहीं पीना चाहिए
विटामिन बी 12 की अधिकता से होने वाले रोग (Vitamin B12 side effects)
जब आप अधिक विटामिन बी12 लेते हैं तो इससे कुछ नहीं होता है, क्योंकि एक्स्ट्रा vitamin गुर्दे द्वारा हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
हालांकि, इसकी ज्यादा खुराक लेने से, कुछ लोगों में सुन्नता, झुनझुनी, चक्कर, मतली, यहां तक कि मुँहासे जैसा side effects पैदा कर सकता है।
और अधिक विटामिन supplements का सेवन आपके गुर्दे और फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए अपने खुराक की जांच करना और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना आपके लिए बेहतर है।
विटामिन बी 12 की गोलियां price
विटामिन बी 12 की कमी के लिए आयुर्वेदिक दवा: अगर शरीर में इसकी मात्रा इससे कम हो जाए तो व्यक्ति को मिथाइल कोबालामिन नामक टैबलेट या इंजेक्शन दिया जाता है। दवा की मात्रा मर्ज की गंभीरता पर निर्भर करती है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
यह दवा आंतों में मौजूद लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया को समाप्त करने का काम करती हैं। अगर सही समय पर इसकी पहचान कर ली जाए तो दवाओं और स्वस्थ खानपान से इस समस्या का समाधान हो जाता है।
विटामिन बी 12 की गोलियां हिमालय
विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग post आपको कैसा लगा COMMENT करके बताएं और इसे SHARE भी कर दीजिए।
ऐसे ही ज़िंदगी के छोटी बड़ी मुश्किलात और बीमारी को दूर भगाने के लिए इस site/पेज को SUBSCRIBE करलें जिससे आने वाले शानदार और बेहतरीन जानकारी सबसे पहले आपको मिल सके।
Pingback: तेजी से सफेद बालों को काला करने की दवा और घरेलू उपाय - Thorahatke
Pingback: ज्यादा चीनी खाने से क्या होता है? सफेद चीनी के नुकसान - Thorahatke