योग का महत्व और प्रकार | रोज योग करने से होते हैं ये फायदे

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योग का महत्व: भोजन, सोना, नौकरी आदि प्रतिदिन के काम क्यों जरूरी है? अब इस सब के बिना कैसा जीवन, जीने के लिए तो यह सब बहुत जरूरी है।

योग सिर्फ जरूरी ही नहीं वरन बहुत ज्यादा जरूरी है। शरीर का ऊपरी रखरखाव तो रखा जा सकता है, किन्तु आंतरिक स्वास्थ्य के लिए योग और व्यायाम ही एक सहारा है।

यदि आप स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो रोजाना आप अपने लिए 15-20 मिनट का समय योगासन करने के लीए निकालें और इसे आप अपनी आदत में शामिल करें। आप देखेगे की यह आपके स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद शाबित होगा।

अतुल्य भारत ने पूरे विश्व को एकजुट कर yoga विधा सिखायी है। आज पूरे विश्व में भारत अपने योग के माध्यम से एक आंतरिक शांति कायम किये हुए है। आइये जानते हैं कि योग किस तरह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बनाना आवयश्क है।

योग का मतलब (what is yoga means)

what is yoga meaning: योग का शाब्दिक अर्थ होता है, जोड़ना। अपने आत्म तत्व को परमात्म तत्व या अपने प्राण को महाप्राण में विलीन करना। जिस तरह से नदियां समुद्र में विलीन हो जाती है उसी तरह से अपने आत्म तत्व को उस परमात्म तत्व में विलीन करना। एक हो जाना, योग का अंतिम लक्ष्य है।

वैसे तो मनुष्य के जन्म के साथ ही योग शुरू हो जाता है। परंतु आधुनिक विज्ञान ने 5000 साल पहले तक के साक्ष्य खोज निकाले है। सर्वप्रथम महर्षि पतंजलि जी ने योग को सभी जगह से संग्रहित कर सूत्रबध किया।

योग के प्रकार (types of yoga)

योग के प्रकार (types of yoga)
योग के प्रकार चित्र सहित

योग के मुख्यतः छह प्रकार होते हैं:-

  • राज योग
  • कर्म योग
  • हठ योग
  • भक्ति योग
  • ज्ञान योग
  • कुंडलिनी/लय योग

वैसे कितनी भी योग की विधियां प्रचलन में हो, लेकिन आज अष्टांग योग और हठयोग सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। अष्टांग योग महर्षि पतंजलि द्वारा लिखित पतंजलि योग सूत्र में वर्णित है। जिसमें योग के आठ अंग बताए गए हैं यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।

योग कैसे काम करता है/योग किस बारे में है (what is yoga about)

बहुत से लोग योग को सामान्य व्यायाम समझते हैं जबकि ये उससे बढ़कर है। आसन और प्राणायाम ये दोनों आपके चक्रों पर असर डालते हैं और उसको संतुलित करते,जागृत और विकसित करते हैं।

और इस तरह से ही ये आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं और आपकी चेतना में विस्तार लाते हैं ।

चक्र स्थूल शरीर में न होकर सूक्ष्म शरीर में होते हैं लेकिन स्थूल शरीर में इनके समकक्ष अंतःस्रावी ग्रन्थियाँ होती हैं ।आप इन चक्रों को ध्यान में देख सकते हैं या कम से कम महसूस कर सकते हैं और इनकी शक्तियों को नियंत्रित कर सकते हैं।

ये आप भीतर सोये पड़े उर्जा उत्पादक हैं ,जिनकी तुलना आप जेनरेटर से कर सकते हैं जो विद्युत उत्पन्न करती है। अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग चक्रों पे जीवन बिता रहा होता है या उसका कोई चक्र ज्यादा सक्रिय होता है और उसी से उसका व्यक्तित्व बनता है।

जैसे कि किसी का मणिपुर चक्र जागृत है तो उसमें तीव्र इच्छा शक्ति होगी ,अगर किसी का विशुद्धि चक्र जागृत है तो एक बेहतर वक्ता होगा ये बहुत ही सामान्य उदाहरण है शक्तियां इससे कहीं बहुत ज्यादा हैं ।

योग का महत्व / योग के फायदे (what is yoga benefits)

Benefits of yoga: योग के अनेक फायदे हैं, जिस कारण योग करना बहुत जरूरी है। यदि आप योग अपनाएंगे तो उसके फायदे तुरंत नहीं दिखाई देंगे, करीब 1 महीने में खुद महसूस कर सकते है, कि आप में क्या अंतर आया है।

योग का महत्व / योग के फायदे (what is yoga benefits)

1- योगाभ्यास का प्रयोग मानसिक अंतमन आध्यत्मिक शांति के लिये हमेशा से होता रहा है। आज के युग में वैज्ञानिकों तथा चिकित्सा शोधों ने भी साबित कर दिया है कि योग शारीरिक तथा मानसिक रूप से मानव जाति के लिए वरदान साबित हुआ है।

2– योग करने से रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है। त्वचा में चमक आती है, शरीर स्वस्थ निरोग बलवान रहता है तथा बुढ़ापे में शरीर में एक शक्ति का संचार होता है।

3– आज कल चार दीवारों के अन्दर जहां जिम में शरीर की एक भाग का व्यायाम होता है। तथा योग से पूर्ण शरीर के भागों का व्यायाम होता है। जिससे अंग पूर्ण रूप से सुचारू कार्य करते है।

4– योगासन के नियमित रूप से मांसपेशियो पुष्ट तो बनती है तथा दुबला पतला शरीर भी ताकतवर बनता है। वहीं नियमित योग से शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी घटने लगती है जो हमारे शरीर को पुष्ट और बलवान बनाता है।

5- नियमित व्यायाम से हमारी दिनचर्या में एक नयी उंमग सी प्रतीत होती है जिससे तनाव दूर होता है और शाम को नींद अच्छी आती है।

6– योग में सबसे महत्वपूर्ण अंग ध्यान है ध्यान ऐसी साधना है जो आज पूरे विश्व में भारत ने प्रदान की है। जिससे हालात ये है कि भारत से भी ज्यादा प्रचार ध्यान का विदेशों मे हो रहा है। आजकल भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव, काम का दबाव, रिश्तों में अविश्वास आदि के कारण मनुष्य काफी मानसिक रूप से प्रभावित हो रहा है। जिसका एक मात्र उपाय योग साधना हैं।

7– ध्यान योग से कार्य शक्ति बढ़ेगी मन एकग्र रहेगा तथा जीवन शैली को एक नया आयाम प्राप्त होगा।

8- योग का ही एक अंग है: प्राणायाम। प्रणायाम से श्वास प्रकिया एक प्राकृतिक रूप से चलती है। प्रणायाम सभी रोग के लिए एक रामबाण इलाज साबित हुआ है। सभी रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। फेफड़ों की आक्सीजन क्षमता बढ़ जाती है, जिस कारण शरीर की पूरी कोशिकाओं को सम्पूर्ण आक्सीजन मिलने लगती है जिससे शरीर पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

9- योग एक ऐसा मात्र उपाय है जो किसी भी रोग से लड़ने के लिए सक्षम है जैसे ब्लड शुगर लेवल घटता है, कोलेस्ट्रोल को कम करता हे डायबिटीज को कंट्रोल करता है। योग अभ्यास से सभी बिमारियों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

10– योग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। जिससे हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।

अनुलोम विलोम के फायदे

अनुलोम-विलोम शायद आप लोगों में से काफी लोगों ने इसका नाम सुना होगा काफी लोग इस योग को करते भी होगें लेकिन आज हम इसको सही तरीके से करने तथा इसको करने से होने वाले फायदे के बारे में बताएंगें।

अनुलोम विलोम का कैंसर में लाभ एक औषधि कही जाती है। अनुलोम-विलोम योगआसन का वह पड़ाव है जिसको हर उम्र का इंसान कर सकता है। आइये जानते है इसके करने की सही प्रकिया:-

अनुलोम विलोम के चमत्कार

अनुलोम-विलोम करने का सही समय सूर्यादय के पहले उचित रहता है वैसे ये योग किसी भी समय भी किया जा सकता है लेकिन प्रात;काल का समय सबसे बेहतर रहता है।

इस योग को करने के लिए आपको सही वातावरण का चुनाव करना होगा एक योग मुद्रा की स्थित में बैठकर कमर का हिस्सा पूरी तरह सीधा होना चहिए फिर अपने अगूंठे तथा कनिष्का अंगूली को अपने नाक में रखकर एक बार एक नाक छेद से हवा को अन्दर लेकर दूसरे नाक छेद से छोड़ना है। यही प्रकिया कुछ मिनट तक करनी है।

आपको कुछ ही दिनों बाद स्वंय ही अनुभव होने लगेगा कि आप का शरीर कुद बेहतर होते जा रहा है।

तनाव शायद आजकल कोई ऐसा इंसान है जो इससे कोशो दूर है बड़े तो छोड़िये आजकल के बच्चे तक इतना तनाव से घिर चुके है कि आप अंदाजा नहीं लगा सकते है कि एक छोटा मासूम सा बच्चा कितना तनाव ले कर अपना बचपन जी रहा है जिस बचपन में बच्चों को हँसना,खेलना,कूदना चाहिए था वही बच्चों को तनाव से खेलना पड़ रहा है।

किसी को अपने परिवार की चिता है तो किसी को अपने करियर तथा अपने सपनों की चिता है। बच्चों के लिए तो पढ़ाई ही इतना बड़ा बोझ बन गयी है।

आप और हम सोच भी नहीं सकते है जिस पढ़ाई से बच्चों का भविष्य बनता है वही पढ़ाई उन्हे बोझ लगने लगती है लेकिन वाकई तनाव इतना खतरनाक है तो क्या हम तनाव मुक्त नहीं हो सकते है। तनाव से हमेशा के लिए छुटकारा पाना तो मुश्किल है हाँ लेकिन इससे कोशो दूर रहना आपके हाथ में है।

तनाव में रहना तो मानव की प्रकृति है लेकिन अधिक समय तक तनाव में रहना किसी बीमारी या खतरे का संकेत है। तनाव तमाम परेशानी की वज़ह कही जाये तो इसमें कोई गलत बात नहीं होगी।

आपने भी गौर किया हो जब आप तनाव मुक्त होते है तो आप कोई भी काम को और बेहतर ढ़ग से कर पाते है तो क्या ये मुमकिन नहीं है कि हम हर समय तनाव से छुटकार न ही सही कम से कम दूर तो रह सके।

इसका कोई ऐसा उपाय शायद ही होगा कि एक बार में आप तनाव मुक्त हो जाये, लेकिन इसका एक सफल प्रभावी उपाय है तो वह योग है। हमारे ग्रथों पुराणों में योग के महत्व को विस्तार से समझाया गया है।

योग में कई ऐसी विधियां, योगासन है जिससे तनाव को कम किया जा सकता है, लेकिन सबसे जल्दी सरल फायदेमंद उपाय है भ्रामरी प्राणायाम।

भ्रामरी एक संस्कृत शब्द है जो भमर से लिया गया है जिसका अर्थ है मधुमक्खी का गुनगुना या कहा जाये कि तनाव का रामबाण इलाज भ्रामरी प्राणायाम है तो इसमे कोई दो राय नहीं होगा।

इसको बच्चे,बूढ़े सभी उम्र के लोग कर सकते है आप यकीन माने अगर आप प्रतिदिन भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करते है तो आप तनाव मुक्त होने के काफी करीब हो जायेगें।

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स्वस्थ रहें, खुश रहें

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