नाक से खून आने पर देसी इलाज: नाक से खून निकलना जिसे doctors नकसीर फूटना या नोज़ ब्लीडिंग कहते हैं, हमेशा खतरनाक नहीं होता, लेकिन कभी-कभी यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का भी सूचक होता है।
इसलिए इसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नाक का काम शरीर के अंदर जाने वाली हवा को फिल्टर करना होता है।
नाक में खून का प्रवाह भी अधिक मात्रा में होता है। ऐसे में गर्मियों के दिनों में जब हवा रुखी होती है तब नाक की अंदरुनी पर्त के पास की खून की नसें फट जाती है जिससे नाक से खून निकलने लगता है। चिकित्सा शास्त्र इसे एपिसटैक्सिस(Epistaxis) भी कहते हैं।
इसके अलावा साइनस संक्रमण या फिर सर्दी जुकाम की दवाइयों को लेने के कारण भी नाक में रूखापन आ जाता है जिसकी वजह से खून निकलने लगता है।
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नाक से खून आना कौन सी बीमारी है
ये ऐसी समस्याएं हैं जिनसे कोई गंभीर खतरा नहीं होता, लेकिन नाक से खून निकलना रक्त दाब, ब्लड कैंसर और नाक के ट्यूमर की भी वजह हो सकती है। इसलिए इस मामले में हमेशा लपरवाही बरतने की बजाय डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए।
नोज़ ब्लीड दो तरह का होता है। पहला एंटीरियर नोज़ ब्लीड, जिसमें नाक की अंदरुनी सतह की रक्त वाहिनियां फट जाने से खून निकलने लगता है। दूसरा, पोस्टीरियर नोज ब्लीड, जो कि ट्यूमर जैसी घातक बीमारी का संकेत भी होता है।
बच्चों में नकसीर फूटना (Nose bleeding causes in child)
बच्चों में नकसीर फूटने/रक्तस्राव के हवाले से आमतौर पर ये समझ जाता है की ये नाक से खून का आना गर्मी या रक्तचाप के कारण होती है।
मेडिकल दृष्टिकोण से, nose bleeding बच्चे की नाक के अंदर खून ले जाने वाली नसों के कमजोर होने के कारण होता है। इस स्थिति में पड़े बच्चों की नाक की नसें सूज जाती हैं और थोड़ी सी चोट/ठेस लगने पर उनमें खून बहने लगता है।
हालांकि, कुछ बच्चों की बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए बार-बार नकसीर फूटने की स्थिति में बच्चे की किसी विशेषज्ञ से विस्तार से जांच करानी चाहिए, क्योंकि ऐसे बच्चों को पर्मानेन्ट और संपूर्ण इलाज की जरूरत होती है, नहीं तो भविष्य में उनमें एनीमिया या सांस की बीमारी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
यह भी संभव है कि सिर, गर्दन या नाक में किसी समस्या के कारण बच्चे को बार-बार रक्तस्राव हो।
नाक से खून आने के कारण और उपाय (nose bleeding reasons)
what causes nose bleeding: बच्चों में रक्तस्राव का कारण सिर या नाक में चोट या फ्रैक्चर हो सकता है या बच्चों को बार-बार नाक में उंगली डालने की आदत होती है, जिससे नाक में घाव और सूजन हो सकती है। सांस की समस्या वाले बच्चों में नाक के स्प्रे से अक्सर नाक में जलन और सूजन हो जाती है।
बच्चे नाक रगड़ते हैं, जो नसों या नसों को प्रभावित करता है और नाक से खून बहने का कारण बनता है। रक्तस्राव के कारणों में से एक नाक की हड्डी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, एलर्जी से बच्चों में नाक में संक्रमण हो सकता है।
वृद्ध लोगों में रक्तस्राव उच्च रक्तचाप के कारण हो सकता है। आपने देखा होगा कि प्रेशर कुकर (जिसमें खाना पकाया जाता है) में एक सेफ्टी वॉल्व होता है कि अगर प्रेशर ज्यादा हो तो वॉल्व अपने आप खुल जाता है और बर्तन फटता नहीं है।
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हाई ब्लड प्रेशर में नाक से खून आना
जब शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो दिमाग की नस फट सकती है और लकवा मार सकता है। ऐसे मामलों में रक्तस्राव टूट जाता है और आत्म-दबाव कम हो जाता है।
समस्या का इलाज इसके कारण को जानने पर निर्भर करता है। जैसे हाई ब्लड प्रेशर की वजह से यदि नकसीर आई है तो दवाओं से बीपी कंट्रोल करते हैं।
नाक से खून आने पे सबसे पहले क्या करें (Nose bleeding first aid)
नाक से खून निकलने पर घबरायेँ बिलकुल भी नहीं बल्कि इन आसान उपायों का इस्तेमाल करें। जब भी नाक से खून आए तो पहले बैठ जाएं और अपना सिर ऊंचा रखें ताकि खून नाक में न चला जाए।
इसके बाद दोनों नथुनों को कम से कम 5–7 मिनट तक हाथों से दबाकर रखें। रुमाल या टिशू पेपर भी रख सकते हैं ताकि वह खून को आसानी से सोख ले। नाक,गालों और माथे पर बर्फ मलें।
और यदि इन सभी तरीकों से भी खून बहना बंद न हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। याद रहे नाक से खून निकलने पर लेटे नहीं और न ही नाक को रगड़ें(क्योंकि ऐसी परिस्थिति में खून हमारे पेट में जा सकता है जो इन्फेक्शन का कारण भी बन जाता है)।
नाक और मुंह से खून आना (नाक से खून आने पर देसी इलाज)
अधिक गर्मी के कारण नाक के अंदर की कोई नशें फट जाती है इसलिए ऐसा होता है ,गर्मी के मौसम में अक्सर ऐसा होता है।
इसे ठीक करने के लिए, गाय के गोबर से बने कंडे को सूंघने से ठीक हो जाता है
नाक से खून आने की समस्या वैसे तो किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन गर्मियों में इसके मामले बढ़ जाते हैं। फिर चाहे बच्चे हों या बड़े।
इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण शरीर का तापमान बढ़ने से दिमाग तक पहुंची गर्मी है। इसके साथ ही गर्म चीजों को अधिक मात्रा में खाने से भी कई बार नाक से खून बहने लगता है।
आमतौर पर नकसीर आने पर मरीज को लेटा देते हैं ताकि ब्लड रुक जाए। लेकिन ऐसा करने से रक्त गले में पीछे की तरफ यानी भोजन नली में जाकर परेशानी की वजह बनता है।
blood पेट में जाने पर मरीज को उल्टी होने की आशंका रहती है। इस स्थिति में जब खून की उल्टी होती है तो उसे किसी गंभीर बीमारी का भ्रम हो जाता है।
किसी चोट या नाखून से नाक में खरोंच आने से यदि नकसीर आई है तो नेजल पैकिंग करते हैं। तुरंत इलाज के रूप में ऑइंटमेंट लगाने के लिए देते हैं। ये हीमोकोल्गुलेट किस्म की दवा होती हैं जो ब्लड क्लॉट बनाने में मददगार होती है। सिर पर ठंडा पानी डालने से भी रक्तप्रवाह तुरंत रुक जाता है।
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नाक से खून आने की आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेद इसे पित्त बढ़ने से जुड़ी दिक्कत मानता है। रोगी को दही, बैंगन, शिमला मिर्च, चाय-कॉफी और अधिक मिर्चमसालेदार चीजों से परहेज करना चाहिए।
आयुर्वेद में इलाज 1
दूब का रस निकालकर नाक में 1-2 बूंद टपकाने से भी राहत मिलती है। 7-8 दिन चिकनी मिट्टी का लेप नाभि के नीचे वाले भाग पर करें। 20-25 मिनट इसे लगाने के बाद इस मिट्टी को दोबारा प्रयोग में न लें। इससे ठंडक मिलेगी।
गुलाब की पंखुड़ियां धागा मिश्री संग दोपहर के समय लें। खसखस, चंदन व गुलाब का शरबत पीएं।
आयुर्वेद का इलाज 2
नकसीर से निपटने के लिए आपको जरूरत है सिर्फ ताजी हरी धनिया पत्ती और कपूर की, जो आपके घर में ही आसानी से मौजूद होता है।
आपको सिर्फ इतना करना है – लगभग 20 ग्राम धनिया पत्ती लेकर इसमें एक चुटकी कपूर मिलाएं और दोनों को एक साथ पीस लें। अब पीसने के बाद तैयार किए गए रस की मात्र 2-2 बूंदें नाक के दोनों छिद्रों में डालें। इसके साथ ही इस रस की कुछ मात्रा माथे पर लगाकर हल्के हाथ से मसाज करें।
इस उपाय को करने के बाद आपकी नकसीर की समस्या समाप्त होगी और नाक से खून आना बंद हो जाएगा।
नाक से खून आने पर देसी इलाज (nakseer ka ilaj)
रक्तस्राव की रोकथाम और उपचार
* बच्चे के दोनों हाथ और सिर उठाकर सिर, गर्दन और मुंह पर सादे या ठंडे पानी के छींटे मारें और माथे पर भी पानी डालें।
*सादे पानी में थोड़ा सा नमक घोलकर बच्चे को पिलाएं।
* रक्तस्राव के तुरंत बाद नीम के पत्ते या अजवाइन को पीसकर सिर की त्वचा पर लगाने से भी बहुत लाभ होता है।
*दूध, दही जैसे रसीले फल और लौकी, शलजम और मूली जैसे पानी के साथ ठंडे सलाद का सेवन करें।
* गर्म मौसम में बाहर न निकलें। सुबह-शाम निकल जाते थे
*स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को स्कूल से लौटते समय सिर पर गीला कपड़ा बांधना चाहिए।
* नाक को ज्यादा न छुएं।
*बवासीर के रोगी को गर्म खाना खाने से बचना चाहिए। उसे कम गर्म मसाले और मिर्च खाना चाहिए। साथ ही मांस, मछली और अंडे खाने से भी बचें।
* गर्म पानी से न नहाएं।
*छींक आए तो मुंह खोलकर छींके।गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक पिएं। अंजीबर सिरप पीने के लिए उपयोगी है।
* रक्तस्राव होने पर दोनों अंगुलियों और तर्जनी से नासिका छिद्र को कुछ देर के लिए बंद कर लें। अगर इससे एक बार खून बहना बंद नहीं होता है तो ऐसा ही दो या तीन बार करें। सिर और माथे पर बर्फ लगाएं।
*पट्टियों को ठंडे पानी में भिगोकर नथुनों में डालें। रुई से भी नाक बंद की जा सकती है।
नकसीर की होम्योपैथिक दवा
कारण के अनुसार दवा देते हैं। पुराने जुकाम में नाक में सूखी पपड़ी हटने से नकसीर आना व साथ ही दर्द व जलन होने पर सल्फर दवा देते हैं। थकान, सिरदर्द के साथ नकसीर आने पर नेट्रम नाईट्रिकम देते हैं। अपने मन से दवा न लें।
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