शुगर के लक्षण: मधुमेह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है और इसे साइलेंट किलर कहना गलत नहीं होगा क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जो कई बीमारियों को जन्म दे सकती है।
भारत में आने वाले समय में हर घर में एक मरीज डायबिटीज का होगा, यह बड़ो को क्या बच्चो को भी अपना शिकार बनान शुरू कर दिया हैं।
महिलाओं के मुकाबले डायबिटीज पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलता हैं, अगर समय रहते इसका इलाज ना हो तो बहुत समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं।
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डायबिटीज क्या है इन हिंदी (What is Diabetes In Hindi)
मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं जिसके मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। और यह बुजुर्गो के साथ साथ युवाओ को भी अपना शिकार बना रही हैं।
मधुमेह शरीर में इन्सुलिन की कमी की वजह से होता हैं। इन्सुलिन रक्त से शरीर में ग्लूकोस पहुंचने का काम करता हैं।
डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण हमारी जीवनशैली और लाइफस्टाइल हैं। और अगर डायबिटीज का समय पर इलाज ना हो तो यह बहुत खतरनाक हो सकती हैं तो आइये हम बताते हैं आपको डायबिटीज से होने वाले लक्षण क्या हैं
विश्व मधुमेह संगठन ने हाई ब्लड शुगर के कुछ लक्षण बताए हैं। मानव शरीर में चीनी का उत्पादन तब होता है जब शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल बंद कर देता है, इंसुलिन शरीर में sugar की मात्रा को नियंत्रित करता है।
हालांकि, इस बीमारी के मामले में कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो बताते हैं कि आपको अपना चेकअप करवाना चाहिए ताकि अगर आपको डायबिटीज है तो इसके प्रभावों को बढ़ने से रोका जा सकता है।
मधुमेह 30 से 40 के उम्र के लोगो में ज्यादा देखने को मिलता हैं, बच्चो को मधुमेह ज्यादातर तभी होता हैं जब उनके परिवार में से किसी बड़े को डायबिटीज पहले से हो वरना बच्चो में बहुत कम देखने को मिलता है।
तो अगर आपको मधुमेह के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर की पास जाये और इलाज कराये आइये तो जानते हैं फिर शुगर के लक्षण क्या हैं।
शुगर के लक्षण (Diabetes symptoms in hindi)
डायबिटीज के लक्षण: तो चलिए जानिए उन silent लक्षणों के बारे में जो आपको यह बताने में मददगार हो सकते हैं कि क्या आप इस बीमारी से पीड़ित हैं।
टॉयलेट की तरफ ज्यादा भागना (bar bar peshab aana)
पेशाब में शुगर के लक्षण: जब आपको मधुमेह होता है, तो आपका शरीर भोजन को चीनी में परिवर्तित करने में ज्यादा बेहतर काम नहीं करता है, जिससे रक्तप्रवाह में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर इसे मूत्र के माध्यम से, यानी शौचालय के माध्यम से बाहर निकाल देता है।
हालांकि, इस बीमारी से ग्रसित ज्यादातर लोगों को इस खामोश लक्षण की जानकारी नहीं होती है और वे इस पर ध्यान नहीं देते हैं।
खासकर रात में, एक या दो बार शौचालय जाना सामान्य हो सकता है, लेकिन ये संख्या बढ़ने और आपकी नींद प्रभावित होती है। आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
सामान्य से अधिक प्यास लगना (मधुमेह के लक्षण)
अत्यधिक पेशाब करने से आपको अधिक प्यास लगती है और यह एक खतरे का संकेत हो सकता है।
यदि मधुमेह वाले लोग जूस, कोल्ड ड्रिंक या दूध से अपनी प्यास बुझाने लग जाएं तो ये मीठे पेय खून में शुगर की मात्रा बढ़ा देते हैं जिससे प्यास कभी खत्म होने मे ही नहीं आती।
मुंह का सूखना
ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका शरीर मूत्र के माध्यम से बहुत सारा पानी खो देता है। जिससे निर्जलीकरण और अत्यधिक प्यास लगती है।
वजन का घटना है शुगर के लक्षण
वजन बढ़ना मधुमेह के लिए एक खतरे की घंटी माना जाता है, लेकिन वजन कम होना भी इस बीमारी का एक लक्षण हो सकता है।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार वजन कम होने के दो कारण होते हैं, एक जिस्म में पानी की कमी होना (अत्यधिक पेशाब के कारण) और दूसरा रक्त में मौजूद शर्करा में पाई जाने वाली कैलोरी का शरीर में अवशोषित(absorb) न होना।
विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज का knowledge होने पर जब लोग अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित करना शुरू कर देते हैं, तो इससे वजन बढ़ सकता है, लेकिन यह अच्छी बात है क्योंकि इसका मतलब है कि ब्लड शुगर का स्तर balanced है।
कमजोरी और भूख महसूस होना
मधुमेह रोगियों के लिए अचानक भूख की भावना और कार्बोहाइड्रेट में उच्च आहार की तत्काल इच्छा का अनुभव करना असामान्य नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब किसी व्यक्ति का रक्त शर्करा का स्तर बहुत अधिक होता है, तो शरीर के लिए ग्लूकोज को regulate करना एक समस्या बन जाता है।
जिसके परिणामस्वरूप जब आप कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाना खाते हैं, तो रोगी के शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। जबकि ग्लूकोज का level तुरंत गिर जाता है।
जिसके नतीजे में कमजोरी का एहसास पैदा होता है। और आपके अंदर चीनी का उपयोग करने की इच्छा होती है, और यह चक्र लगातार जारी रहता है।
हर समय थकान भी है शुगर के लक्षण
बेशक, थकान कभी न कभी तो सभी को ही होती है, लेकिन हर समय इसका रहना मधुमेह का एक बड़ा संकेत हो सकता है।
Diabetes का शिकार होने के मामले में, भोजन शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने में विफल रहता है और आवश्यकता के अनुसार ऊर्जा की कमी से थकान और सुस्ती की भावना पैदा होती है।
इसी तरह टाइप-2 डायबिटीज में शुगर लेवल ऊपर और नीचे जाने पर भी थकान का अहसास बना रहता है।
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पल पल मिजाज बदलना या चिड़चिड़ापन
जब आपका ब्लड शुगर नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तो आप किसी भी चीज़ के बारे में अच्छा महसूस नहीं करते हैं, ऐसे में रोगी के चिड़चिड़े होने या अचानक क्रोधित होने की संभावना अधिक होती है।
वास्तव में, हाई ब्लड शुगर, depression जैसे लक्षण दिखाता है, जैसे थकान, आसपास कुछ अच्छा महसूस नहीं करना, बाहर जाने से बचना और हर समय सोने की इच्छा होना आदि।
ऐसे में बेहतर है कि डिप्रेशन की बजाय पहले डायबिटीज की जांच कराना ज्यादा बेहतर होता है, खासकर तब जब मूड अचानक से खुशनुमा हो जाए क्योंकि ब्लड शुगर लेवल सामान्य होने पर मरीज का मूड अपने आप सामान्य हो जाता है।
नजर में धुंधलापन
मधुमेह के शुरुआती चरणों में, आंख का लेंस पूरी तरह से दृश्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है क्योंकि आंख में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके फलस्वरूप, अस्थायी रूप से इसकी संरचना या आकार बदल जाती है।
छह से आठ सप्ताह में, जब रोगी का रक्त शर्करा स्तर स्थिर हो जाता है, धुंधलापन गायब हो जाती है क्योंकि आंखें शारीरिक स्थिति के अनुकूल हो जाती हैं और ऐसे में मधुमेह की check up करवाना जरूरी है।
घाव या खरोंच को भरने में देरी
घावों को भरने में मदद देने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली और रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होने पर प्रक्रियाएं प्रभावी ढंग से काम नहीं करती हैं, जिससे घाव या खरोंच सामान्य से अधिक समय तक ठीक हो जाते हैं और यह मधुमेह का एक प्रमुख लक्षण भी है।
पैरों में झुनझुनी
डायबिटीज की शिकायत होने से पहले रक्त शर्करा में वृद्धि, शारीरिक जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।
इस रोग के नतीजे में नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचता है और इसके फलस्वरूप आपके पैरों में झुनझुनाहट या सुन्न सामान्य से अधिक महसूस होने लगता है, जो की खतरे की घंटी है।
मूत्राशय की शिकायत
पेशाब में शुगर का उच्च स्तर बैक्टीरिया के विकास की ओर ले जाता है, जिससे मूत्राशय में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
बार-बार infection के संपर्क में आना चिंता का संकेत हो सकता है और इस मामले में मधुमेह का टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए क्योंकि यह रोग के प्रमुख लक्षणों में से एक है। (1)
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महिलाओं में शुगर के लक्षण
गर्भावस्था में मधुमेह सामान्य डायबिटीज की तरह ही एक आम समस्या है। और इससे गेस्टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है।
यह समस्या अस्थायी (temporary) होती है और महिलाओं में गर्भावस्था के दूसरे तिमाही में होती है।
गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाने की वजह से यह समस्या होती है। जिसके कारण उसकी प्रेगनेंसी प्रभावित हो सकती है और उसके बच्चे के सेहत पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद ब्लड शुगर लेवल आमतौर पर सामान्य हो जाता है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित हो तो उसे टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना भी अधिक होती है।
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स्वस्थ रहें, खुश रहें…शुक्रिया 😊💖
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