Short Story in Hindi | राजा और गजब का संयोग

You are currently viewing Short Story in Hindi | राजा और गजब का संयोग

Short Story in Hindi:-एक सच्ची घटना जिसका कोई विश्वास नहीं करता।

कभी-कभी सच्ची घटनाएं कल्पना से भी ज्यादा दिलचस्प होती हैं। ऐसी ही एक सच्ची घटना से सम्बंधित यह कहानी है।

कहानियाँ इन हिंदी(Short Story in Hindi)

उन्नीसवीं सदी में इटली में एक राजा हुआ था , नाम था अम्बर्टो।

एक शाम वह अपनी राजधानी से दूर किसी शहर में होने वाले वार्षिक समारोह में भाग लेने के लिए गया।

रास्ते में रात हो गयी और वह अपने दरबारियों के साथ एक सराय में ठहरा।

सराय का मालिक जब उसके स्वागत के लिए आया तो राजा उसे देखकर चौंक गया।

राजा को महसूस हुआ की उसने इस आदमी को कहीं देखा है।

राजा और अजब संयोग-Short Story in Hindi-king-umberto-coincidence-
इटली का राजा किंग अम्बर्टो 1

उसने उसे अपने करीब बुलाकर कौतूहल से पूछा- ” ऐसा लगता है कि मैंने तुम्हे पहले कहीं देखा है ! क्या तुम बतला सकते हो कि तुम हमें कहाँ मिले थे ?

” उसने आदरपूर्वक उत्तर दिया कि ” यदि आप मुझे क्षमा करें तो मैं कहूंगा कि आपने मुझे आईने में देखा होगा। ” राजा ने कहा ” क्या मतलब ? ” तब उसने फिर कहा ” श्रीमान ! मुझसे अक्सर लोगों ने कहा है कि मेरी सूरत आपसे बहुत मिलती-जुलती है।

” राजा ने गौर से उसके चेहरे को देखता रहा — फिर बोला ” हाँ , तुम ठीक कहते हो…….. मैं भी यही महसूस करता हूँ। ” राजा के दरबारियों ने भी सहमति व्यक्त की। सचमुच उन दोनों की सूरत बहुत मिलती-जुलती थी।

राजा ने उसे अपने करीब बैठा लिया। फिर बोला ” तुम्हारा नाम क्या है ? ” “हुजूर मेरा नाम अम्बर्टो है और मेरा जन्म 14 मार्च 1844 को सुबह ग्यारह बजे हुआ था। ” सराय के मालिक ने उत्तर दिया।

“अरे ! ” राजा विस्मय से उसकी ओर देखने लगा। ” नाम भी मेरा—–जन्मतिथि भी वही। ” राजा अम्बर्टो के दरबारी भी आश्चर्य में डूब गए। फिर राजा ने आश्चर्य से पूछा ” तुम पैदा किस जगह हुए थे ? ‘ “टॉर्नियो में ” सराय के मालिक ने उत्तर दिया।

यह सुनकर राजा के होश उड़ गए। उसे विश्वास नहीं हो रहा था , किन्तु यह सच था। राजा भी तो टॉर्नियो में पैदा हुआ था। ” तुम्हारी पत्नी का नाम क्या है ? ‘ राजा ने पूछा। तब सराय के मालिक ने बतया ” हुजूर मेरी पत्नी का नाम मार्गरेट है……. उससे मेरी शादी 2 अप्रैल 1866 को हुई थी। ”

“तुम सच कह रहे हो ? ” राजा ने और आश्चर्यचकित होते हुए पूछा। ” ” जी हाँ हुजूर ” फिर राजा ने कहा ” कमाल है… मेरी भी शादी इसी दिन हुई थी और मेरी पत्नी का नाम भी मार्गरेट है।

” राजा के साथ उसके दरबारी भी स्तब्ध थे, इस संयोग पर। इस बार प्रधानमंत्री ने उस आदमी से सवाल किया ” तुम्हारे कितने बच्चे है, मिस्टर अम्बर्टो ? तब उसने कहा ” मेरा एक ही लड़का है। ” ” उसका नाम ? ” “मैंने उसका नाम विक्टर एम्मानुएल रखा है।

सराय के मालिक का यह उत्तर सुनकर राजा अम्बर्टो घबरा गया , इसलिए कि उसका भी एक ही लड़का था और उसका नाम भी विक्टर एम्मानुएल था।

“अद्भुत संयोग है ” प्रधानमंत्री के मुंह से निकला। फिर राजा ने पूछा ” आश्चर्य है कि मैं तुमसे पहले कभी नहीं मिला।

तुम इस सराय को कब से चला रहे हो ? सराय के मालिक ने बताया ” श्रीमान ! मैंने यह काम 9 जनवरी 1886 को शुरू किया था। ” “और ठीक उसी दिन मैं इटली का बादशाह बना।

आश्चर्य—–महान आश्चर्य और यह बात भी कम आश्चर्य जनक नहीं हैं कि इससे पहले हम कभी नहीं मिले। ” राजा ने कहा। तब सराय का मालिक ने नम्र स्वर में बोला ” नहीं श्रीमान ! हम इससे पहले भी मिल चुके हैं। ” ” कब ?” राजा अम्बर्टो ने आश्चर्य से पूछा।

तब सराय के मालिक ने बताया ” एक बार 1868 में दूसरी बार 1870 में —-और दोनों ही बार हम दोनों को ही वीरता के पदक मिले थे। ” सराय के मालिक अम्बर्टो ने राजा अम्बर्टो को अपने वे दोनों पदक भी दिखलाये।

जिसे देखते ही राजा अम्बर्टो बोल पड़ा – ” ऐसे ही पदक मुझे भी मिले थे। ” फिर राजा अम्बर्टो और सराय के मालिक अम्बर्टो में और भी काफी बाते हुई और राजा अम्बर्टो ने उसे शहर में होने वाले वार्षिक समारोह में शामिल होने का निमंत्रण देकर , वहां से चला गया।

चलते समय राजा अम्बर्टो ने अपने प्रधानमंत्री से कहा ” देखो मैंने अपने इस हमनाम को, अपने इस हमशक्ल को विशेष इनाम देने का फैसला किया है , इस लिए ध्यान रखना कि कल समारोह में इसे सम्मानपूर्वक मेरे पास लाया जाये। “

दूसरे दिन समारोह शुरू हुआ तो राजा अम्बर्टो ने अपने प्रधानमंत्री से सराय के मालिक के बारे में पूछा। प्रधानमंत्री ने अपने नौकरों को उसे ढूंढने के लिए भेजा , किन्तु वह कहीं दिखाई नहीं पड़ा।

राजा बहुत देर तक उसकी प्रतीक्षा करता रहा , किन्तु वह जब फिर भी न आया तो राजा अम्बर्टो ने उसे तलाश करने का आदेश दिया। फिर प्रधानमन्त्री उसकी तलाश में उसी सराय के लिए चल पड़ा।

सराय पहुंचकर पता चला कि किसी ने उस सराय के मालिक अम्बर्टो को गोली मार दी है और वह बुरी तरह घायल है।

राजा अम्बर्टो ने जब यह खबर सुनी तो वह बहुत परेशान हुआ और उसने प्रधानमंत्री को आदेश दिया कि ” सराय के मालिक को बचाने की पूरी कोशिश की जाय।

उसे बड़े से बड़े डाक्टरों को दिखाओ तथा उसके ईलाज का सारा खर्चा सरकारी खजाने से उठाया जाय। ” किन्तु सराय के मालिक अम्बर्टो को बचाया ना जा सका।

जब राजा को उसकी मौत के बारे में पता चला तो उसे गहरा आघात पहुंचा। उसने दुःखी स्वर में प्रधानमंत्री से कहा ” मैं अपने हमशक्ल की शवयात्रा में शामिल होना चाहता हूँ।

” राजा यह वाक्य पूरा भी नहीं कर पाया कि गोली चलने की आवाज़ आयी —– और देखते ही देखते राजा का शरीर निष्प्राण हो गया।

गीतानो ब्रिस्की ने राजा अम्बर्टो की हत्या कर दी थी। और राजा का शव भी ठीक उसी समय उठा जब कि सराय के मालिक का शव उठा। (1)

तो दोस्त, यह रोचक और सच्ची कहानी (Short Story in Hindi) आपको कैसी लगी, COMMENT करके जरूर बताएं।

और साथ में SHARE, SUBSCRIBE और FOLLOW करलो, ताकि आने वाली जरूरी, रोचक और मजेदार जानकारी/चीज़ें/लेख आप पा सको। शुक्रिया 💫🙏

This Post Has 3 Comments

Leave a Reply