269 मीटर की ऊँचाई वाले टाइटैनिक को अगर सीधा खड़ा कर दिया जाए तो यह अपने समय की हर इमारत से ऊँचा होता।
269 मीटर की ऊँचाई वाले टाइटैनिक को अगर सीधा खड़ा कर दिया जाए तो यह अपने समय की हर इमारत से ऊँचा होता।
प्रथम क्लास की टिकट उस समय $4,375 थी, जो की आज के समय $100,000 होगी, यानि 74 लाख रुपये।
प्रथम क्लास की टिकट उस समय $4,375 थी, जो की आज के समय $100,000 होगी, यानि 74 लाख रुपये।
टाइटैनिक की चिमनिया
इतनी बड़ी थी कि इनमें
से दो ट्रेने गुजर सकती थी।
टाइटैनिक की चिमनिया इतनी बड़ी थी कि इनमें से दो ट्रेने गुजर सकती थी।
जहाज पर प्रथम क्लास के यात्रियों के लिए 20,000
बोतलें बियर की 1500
बोतलें शराब की और 3,000
सिगार उपलब्ध था।
जहाज पर प्रथम क्लास के यात्रियों के लिए 20,000 बोतलें बियर की 1500 बोतलें शराब की और 3,000 सिगार उपलब्ध था।
टाइटैनिक जहाज को चलाने के लिए हर दिन 600 टन कोयले की जरूरत पड़ती थी, जिसके लिए 176 लोग रात- दिन लगे हुए थे। जहाज से निकलने वाली करीबन 100 टन राख को हर दिन समुद्र में बहा दिया जाता था।
टाइटैनिक जहाज को चलाने के लिए हर दिन 600 टन कोयले की जरूरत पड़ती थी, जिसके लिए 176 लोग रात- दिन लगे हुए थे। जहाज से निकलने वाली करीबन 100 टन राख को हर दिन समुद्र में बहा दिया जाता था।
यात्रियों में 26 जोड़े ऐसे थे जो हनीमून पे गए हुए थे।
यात्रियों में 26 जोड़े ऐसे थे जो हनीमून पे गए हुए थे।
टाइटैनिक जब डूबा, तो वो अपने सफर के चौथे दिन में था। जमीन से करीब 600 किलोमीटर दूर।
टाइटैनिक जब डूबा, तो वो अपने सफर के चौथे दिन में था। जमीन से करीब 600 किलोमीटर दूर।