पीरियड से पहले पेट में दर्द क्यों होता है: मासिक धर्म, जिसे पीरियड्स (periods) भी कहा जाता है, महिलाओं के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पीरियड्स के दौरान दर्द होना सामान्य होता है, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
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“पीरियड” क्या होता है? (what is periods in female)
10 से 12 आयु वर्ष की लड़की का अंडाशय हर महीने एक विकसित डिम्ब उत्पन्न करना शुरू कर देता हैं। वह अंडा फैलोपियन ट्यूब के द्वारा नीचे जाता है जो कि अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ता है।
पीरियड कैसे होता है?
जब अण्डा गर्भाशय (Uterus) में पहुंचता है, उसका लेवल ब्लड और Fluid से गाढ़ा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि यदि अंडा बहुत हो जाए, तो वह बढ़ सके और baby के जन्म के लिए उसके स्तर में विकसित हो सके। इसी discharge को मासिक धर्म या पीरियड्स कहते हैं।
लड़की के किशोरावस्था में पहुंचने पर उनके अंडाशय एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोंन उत्पन्न करने लगते हैं। इन हार्मोंन के कारण हर महीने में एक बार गर्भाशय की परत मोटी होने लगती है और वह गर्भधारण के लिए तैयार हो जाती है।
मासिक धर्म कितने दिन तक रहता है? (Ovulation period time of girl)
यह हर महीने (24 से 34 दिन) मे एक बार होता है, हालांकि प्रत्येक महिला में पीरियड्स की अवधि अलग-अलग होती है, लेकिन ज्यादातर मासिक धर्म का समय 3 से 5 दिन रहता है परन्तु 2 से 7 दिन तक की अवधि को भी नॉर्मल माना जाता है।
माहवारी का आना अच्छा है या बुरा (Pain during periods is good or bad)
पीरियड की शुरुआत होना मतलब जवानी में कदम रखना, या प्रेगनेंसी के लिए शरीर का तैयार हो जाना होता है।
पीरियड्स का अनुभव हर लड़की के लिए अलग होता है। कुछ लड़कियों या महिलाओं में पीरियड्स बिना किसी दर्द के हो जाते है और कुछ के लिए यह समय बहुत ही तक्लीफ़देह होता है।
आमतौर पर पीरियड्स के दौरान शुरूआत के 2-3 दिनों में सबसे ज्यादा दर्द होता है। ऐसे में उन्हें पेट दर्द, पैर दर्द और कमर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कुछ लड़कियों या महिलाओं को तो दर्द इतना ज्यादा होता है कि वह पीरियड्स के दौरान खाना पीना तक छोड़ देती है। साथ ही उनके रोजमर्रा के काम भी प्रभावित होने लगते है।
पीरियड से पहले पेट में दर्द क्यों होता है? (Reason for stomach pain during periods)
PMS यानी प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित एक प्रकार की समस्या है। पीएमएस के कारण दिमाग में बदलाव, सूजन, अनियंत्रित भूख और नकारात्मक विचार आते हैं।
इसके कारण कई तरह की अन्य समस्यायें जैसे स्तनों का टाइट होना और दुखना भी होती हैं। यह मासिक धर्म आने के एक हफ्ते पहले शुरू हो जाता है। इस प्रकार की समस्या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन के स्तर में असंतुलन के कारण होता है।
पीरियड से पहले पेट में दर्द कई महिलाओं के लिए सामान्य हो सकता है, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- प्राकृतिक हार्मोनल परिवर्तन: पीरियड के पहले होने वाले हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि प्रोगेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन की मात्रा में वृद्धि, पेट में दर्द का कारण बन सकते हैं।
- गर्भाशय के इंफेक्शन: गर्भाशय के किसी प्रकार की इंफेक्शन, जैसे कि गर्भाशय की साइटिस (cervicitis) या पीड़ा के कारण दर्द का कारण बन सकती है।
- गर्भाशय में गठियां (Fibroids): गर्भाशय की गठियां भी पीरियड से पहले पेट में दर्द का कारण बन सकती हैं।
- अन्य मेडिकल कारण: कई बार अन्य मेडिकल समस्याएँ, जैसे कि आंतों की समस्याएँ, पेट के अन्य अंगों की समस्याएँ, या गैस की समस्याएँ, भी पेट में दर्द का कारण बन सकती हैं।
- धूप या ठंड: मौसम के परिवर्तन, जैसे कि धूप या cold, भी किसी महिला के पीरियड से पहले पेट में दर्द को बढ़ा सकते हैं।
पीरियड में पेट दर्द क्यों होता है (why period pain occurs)
यह दर्द आमतौर पर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को होता है क्योंकि यह पीरियड्स की शुरुआत का संकेत है । पेट में ऐंठन गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होती है। गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता है।
पीरीयड में दर्द होना आपकी शारीरिक कमजोरी को दर्शाता है। आपके शरीर मे हिमोग्लोबिन की कमी के भी संकेत मिलते हैं।
दर्द मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है लेकिन जांघों के पीछे और नीचे भी जा सकता है। कभी कभी गर्भाशय एवं सहअंगों का समुचित विकास न होना भी पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण बनता है।
पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय (how to stop period pain immediately at home)
पीरिड्स के दर्द में राहत पाने के लिए कुछ आसान घरेलू तरीके है।
1. 1 चम्मच एलोवेरा जेल में 2 चुटकी काली मिर्च पाउडर डालकर दिन में 3 बार ले l
2. जीरे को तवे पर अच्छे से भून ले l ठंडा होनेपर इसमें से 1 छोटा चम्मच भूना जीरा अच्छे से चबाकर खाये और उपर से 2 चम्मच Aloe Vera जूस पिएं
3. सूखे अदरक और काली मिर्च की चाय पीना दर्द कम करने में सहायक होगा। यह पीरियड्स की अनियमितता को भी कम करता है।
4. आधा कप पानी में तुलसी के 7-8 पत्ते डालकर उबालें और छानकर उसका सेवन करें। इसमें मौजूद कैफीक एसिड दर्द में आराम पहुंचाता है।
5. 1 कप नारियल पानी में 1/2 चम्मच मिश्री या गुड़ मिलाकर दिन में 2 बार खाने से पहले पिए l
मसाज –
1. पेट के निचले हिस्से में तिल के तेल को हल्का गर्म कर उससे मसाज करे l तिल के तेल में यह लिनोलिक एसिड, एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व एवं एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर है, जो उन दिनों के दर्द से छुटकारा दिला सकता है।
2. अरंडी का तेल और सरसों का तेल, दोनों को समान मात्रा में ले कर मसाज के लिए इस्तेमाल करे l
पीरियड में पेट दर्द का इलाज (How to get rid of period cramps fast in bed)
Drinks that help with period cramps: आप बाजार में आयुर्वेदिक औषधियों की दुकान पर जाकर वहां से आप अशोकारिष्ट व लोहासव नाम की पीने की दवाई मिलेगी तो दोनों ही डाबर कम्पनी की लानी है।
अब सुबह-शाम खाना खाने के 10-15 मिनट बाद एक कटोरी में दोनों दवाई के 4-4 ढक्कन दवाई व 8 ढक्कन पानी मिलाकर पीना है।
कम से कम आपको 3+3=6 बोतल दवाई आपको पीना है अगर उसके बाद भी आपको कमी महसूस हो तो और भी आप ले सकते हैं, दवाई की कोई Side effect नहीं है बस आपको खान पान का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।
खाने में हरी सब्जी, दूध ,अच्छा क्वालिटी के चावल शुद्ध देशी गाय का घर का बना हुआ घी, मूंगदाल, आदि खाने में ज्यादा प्रयोग करें।
चना, उड़द की दाल, बेसन व मैदा से बनी हुई चीजों का व लहसुन, प्याज, गर्म मशाला, दही, छाछ, इमली, अमचूर, कच्चे या खट्टे आम का सेवन नहीं करना चाहिए।
सब्जियाँ जहाँ तक हो घी का छौंक डालकर बहुत ही कम मिर्च मसाला वाला बनना चाहिए अगर घी उपलब्ध न हो तो फिल्टर मुंगफली, नारीयल तिल या सरसों का तेल काम में लेना चाहिए।
रिफाइंड तेल बिलकुल काम में न लें, सब्जी में ऊपर से नमक न लेवे। ध्यान रखिए दवाई से ज्यादा परहेज काम करेगा, अगर परहेज नहीं रख सकते तो दवाई लेना बेकार है।
योग है पीरियड में पेट दर्द का इलाज
रेगुलर योगाभ्यास, पीरियड्स के दौरान होनेवाली दर्द, चिंता, कब्ज जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए फयदेमंद है l मत्स्यासन, भुजंगासन, धनुरासन, शलभासन, वज्रासन इन आसनों का महीना भर नियमित अभ्यास करे l Periods शुरू होने पर केवल प्राणायाम, ध्यान(Meditation) करें l
पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह की कठोर शारीरिक और मानसिक गतिविधि से बचें।
पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है
वैसे तो ओव्यूलेशन की अवधि में महिला के प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। यह अवधि माहवारी आने के 12-14 दिन पहले शुरू होती है और तकरीबन 7 दिनों तक चलती है।
अगर इस दौरान महिला बिना किसी प्रोटेक्शन के अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाती है, तो वो बिल्कुल गर्भधारण कर सकती है। जब महिला के ओव्यूलेशन की अवधि खत्म हो जाती है, तो उसके प्रेगनेंट होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है।
वहीं दूसरी तरफ, पीरियड के तुरंत बाद भी महिलाएं प्रेगनेंट हो सकती हैं। दरअसल, पुरुष का स्पर्म महिला की प्रजनन प्रणाली में 5 से 7 दिनों तक रहता है।
ऐसे में अगर किसी महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल छोटी होती है, तो पीरियड के बाद उसका ओव्यूलेशन भी जल्दी शुरू हो जाता है। इसीलिए, अगर कोई महिला पीरियड के दौरान बिना किसी प्रोटेक्शन के अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाती है, तो पीरियड के तुरंत बाद वो प्रेगनेंट हो सकती है।
पीरियड में दवा खाना चाहिए कि नहीं (Period pain relief tablets)
अगर आप भी अन्य महिलाओं की तरह पीरियड्स में पेट दर्द के कारण पेनकिलर लेते हैं । तो हम आपको ये बता दें कि ज्यादा पैनकिलर खाने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है इसका आपके स्वास्थ पर खराब असर पड़ता है।
जिससे की कई बिमारियां भी हो सकती है और आपको यूरिन इनफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
पीरियड में कौन सी टेबलेट खाये?
कोई भी गर्भ निरोधक दवाई व पीरीयड को आगे खिसकाने वाली दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
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